जनता के मन की बात बनाने के लिए मोदी जी ने अपने मन की बात में कही सृजन भारत के मन की बात !!!
जनता के मन की बात बनाने के लिए मोदी जी ने अपने मन की बात में कही सृजन भारत के मन की बात !!!
जी हां यह दावा किया जा रहा है स्वान्तः सुखाय अर्थात अपने किए पर खुश होने की कड़ी में सृजन भारत द्वारा.........................!!
विगत दिवस माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा अपने मन की बात के नियमित कार्यक्रम में आम जनता से खाद्य तेल की उपयोग में 10% कमी लाने का, आव्हान किया था। इस विषय को स्वास्थ्य से जोड़ते हुए मोटापे के खतरे बताकर, उन्होने जनता से इसकी खपत कम करने का निवेदन किया था। यही बात 08 अप्रैल के दिन ‘विश्व स्वास्थ्य दिवस’ के अवसर पर जारी अपने राष्ट्र के नाम संदेश मे प्रधानमंत्री श्री मोदी ने देशवासियों से अपने भोजन मे 10% तेल की कमी की बात पुनः रेखांकित की है।
प्रधानमंत्री जी द्वारा उक्त बात का उल्लेख करने पर सृजन भारत ने प्रसन्नता व्यक्त की है। उनका यह आव्हान प्रधानमंत्री के जनता व जमीन से जुड़े मुद्दों पर उनकी समझ रखने के रूप मे सामने आया है।
दिनांक 15-07-20 में सृजन भारत के अनिल झालानी द्वारा माननीय प्रधानमंत्री को इसी आशय का सुझाव देते हुए एक एडवाइजरी आम जनता के लिए जारी करने का अपने पत्र दिनांक 17-09-20 को निवेदन किया गया था।
इसका कारण यह था कि सृजन भारत द्वारा अपने अध्ययन के दौरान यह पाया कि आमजन के खाद्य आवश्यकता को पूर्ति के लिये देश में बड़ी मात्रा में खाद्य तेल का आयात करना पड़ता है और उस पर बड़ी संख्या में बहुमूल्य विदेशी मुद्रा खर्च करनी पड़ती है। देश पर एक अतिरिक्त आर्थिक भार सिर्फ इसलिये पड़ता है कि लोगों द्वारा अपने खाने की थाली में बचा हुआ खाद्य तेल व्यर्थ तैरता हुआ नजर आता है। या हमारे अधिकतम खाद्य पदार्थ उबलते तेल में पकाकर बनाए जाते है। जबकि इसका युक्ति संगत उपयोग करके,देश की बड़ी विदेशी मुद्रा को खोने से बचाया जा सकता है।
सृजन भारत अपने स्वान्तः सुखाय अभियान में उक्त बात आम जनता से साझा करते हुए हर्षित और गौरवान्वित है कि उसका निस्कर्षात्मक अध्ययन एक व्यवहारिक,परिपक्व व अमल करने योग्य चिंतन के रूप में देश के सामने आया।